पं. राम प्रसाद बिस्मिल के शहीदी दिवस पर किया हवन यज्ञ का आयोजन
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पं. राम प्रसाद बिस्मिल के शहीदी दिवस पर किया हवन यज्ञ का आयोजन

पं. राम प्रसाद बिस्मिल के शहीदी दिवस पर किया हवन यज्ञ का आयोजन

पं. राम प्रसाद बिस्मिल के शहीदी दिवस पर किया हवन यज्ञ का आयोजन

हवन यज्ञ से जीवन आती है साकारात्मक ऊर्जा- जयकुमार

यमुनानगर, 21 दिसम्बर (आर. के. जैन):
योग समिति, महिला योग समिति एवं भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की ओर से स्वदेशी और यज्ञ को समर्पित राष्ट्र भगत अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के शहीदी पर्व पर श्रद्धांजलि हवन एवं मासिक बैठक का आयोजन श्री सनातन धर्म सभा हाल, चौक बाजार जगाधरी में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्क्षता भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के जिला प्रभारी सुन्दर लाल सैनी ने की तथा संचालन महिला यज्ञ प्रभारी नीरज ने किया। योग समिति के जिला प्रभारी जय कुमार, जिला युवा प्रभारी अनूप सिंह, जिला प्रभारी महिला योग समिति निशा गुलाटी, संगीता मित्तल विशेष रूप से उपस्थित रहे। सुन्दरलाल सैनी ने संबोधित करते हुये कहा कि पं. राम प्रसाद बिस्मिल भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थ,े जिन्हें 30 वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फँासी दे दी थी। पं. राम प्रसाद बिस्मिल मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी काण्ड जैसी कई घटनाओं में शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे। राम प्रसाद एक कवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासका व साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उर्दू तखल्लुस था जिसका हिन्दी में अर्थ होता है आत्मिक रूप से आहत। बिस्मिल के अतिरिक्त वे राम और अज्ञात के नाम से भी लेख व कवितायें लिखते थे। 11 वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और स्वयं ही उन्हें प्रकाशित किया। उन पुस्तकों को बेचकर जो पैसा मिला उससे उन्होंने हथियार खरीदे और उन हथियारों का उपयोग ब्रिटिश राज का विरोध करने के लिये किया। 11 पुस्तकें उनके जीवन काल में प्रकाशित हुईं, जिनमें से अधिकतर सरकार द्वारा ज़ब्त कर ली गयी थी। जय कुमार ने बताया कि हिन्दु धर्म के अनुसार धार्मिक अनुष्ठान को पूरा करने के लिये हवल यज्ञ किया जाना बहुत आवश्यक है। हवन क्रिया के बिना कोई भी धार्मिक कार्य पूर्ण नहीं माना जाता है। हिन्दु धर्म में सदियों से हवन का महत्वता का वर्णन किया गया है। हवन की अग्नि जीवन में साकारात्मक ऊर्जा का विकास करके बुरे विचारों व हवाओं को दूर करता है। हवन से दुख व बीमारियां तो दूर होती है, साथ ही जीवन में शांति का अनुभव भी होता है।